लेखनी कहानी -28-Feb-2024
एक उदास बूंद
एक बार की बात है, एक छोटा सा बूंद बारिश के बाद, एक बडी सी नदी में गिरी। वह बूंद बड़ी ही उत्साहित थी और अपनी यात्रा का आनंद लेने लगी। वह अपनी यात्रा में नई चीजें देख रही थी और नदी के अन्य बूंदों के साथ मिलकर मस्ती कर रही थी।
समय बीतता गया और बूंद को अन्य बूंदों से अलग हो गया। वह अपने आप में एकांत में आ गई और उसका उत्साह ढल गया। वह तन्हा महसूस करने लगी। धीरे-धीरे उसकी ताकत कम हो गई और वह नीचे की ओर डूबने लगी।
तभी एक बड़ी सा नदी के किनारे एक छोटा सा पेड़ था। वह पेड़ उसे देखकर पूछता है, "तुम क्यों इतनी उदास हो?" बूंद ने कहा, "मुझे अकेलापन महसूस हो रहा है, मैं नदी में खो रही हूँ।"
पेड़ ने मुस्कुराते हुए कहा, "तुम नदी में खो रही हो, लेकिन तुम्हें यह नहीं पता कि तुम एक बड़ा समुद्र हो। तुम अपने असली शक्ति को पहचानने के लिए अपनी अन्तरात्मा की ओर देखो।"
Youtube पर सुने: https://youtu.be/M2a2XiPxd_g?feature=शेयर्ड
बूंद ने पेड़ की बातों को समझा और अपनी असली शक्ति को पहचाना। वह फिर से उत्साहित हो गई और नदी में अपना सफर जारी रखी। इस बार वह अपने आप को समुद्र मानती थी और हर मुश्किल को पार करती गई। और अंत में समुंद्र में मिल कर समुंद्र हो गई।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमारी असली शक्ति हमारे अंदर ही है, हमें बस उसे पहचानने की आवश्यकता है।
विक्रांत राजलीवाल
#EkUdaasBund #BaalGeet
madhura
02-Feb-2025 09:45 AM
v nice
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Gunjan Kamal
01-Mar-2024 11:10 PM
👌👏
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Mohammed urooj khan
29-Feb-2024 03:55 PM
👌🏾👌🏾👌🏾
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